Paheliyan ,पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Paheliyan:
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काला जंगल, बिच पगडण्डी।
उत्तर – माँग
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छोटा सा बन्दर बड़ा सा पूँछ।
उत्तर – सुई धागा
393
दूर – दूर से मिलते देखा, लेकिन था नजरों का धोखा।
उत्तर – क्षितिज
394
बड़ी न छोटी, मोती की बेटी।
उत्तर – इन्दिरा गाँधी
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छोटी चिड़िया फुलकए जाएं, सौसे दुनियां लूटन जाय।
उत्तर – आग और धुआँ
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सूखा में लड़बर, पानी में दौड़कर।
उत्तर – नाव
397
ऐसा कौन मिले समान, देश भर में एक दाम।
उत्तर – डाक टिकट
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जवानी में एक भरकी, बुढ़ारी में तीन भुरकी।
उत्तर – क्षिंगा
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होले ना डोले, बैठले गीले।
उत्तर – कोठी
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लिख लोढ़ा पढ़ पत्थर, कहलावे पंडित।
उत्तर – कुम्हार