Paheliyan  761 se 770 tak

सब्ज रंग है, मुख पर लाली, पक्षी है, पर बोल निराली , उत्तर – तोता

आंखे मेरी तीन हैं, शिव मुझको न कहना, पेट में जल, पक्षी नहीं, पेड़ पे होता रहना। उत्तर – नारियल

श्याम वर्ण पीताम्बर बांधे, मुरलीधर नहीं होय। नाद करे बिन मुरली के, बिरला  बुझे कोय। उत्तर – भौंरा

शंख से उज्जवल वर्ण  शशि, देता वास – सुवास। पंख बिनु उड़ जात है, जलूं तो चढूं आकास। उत्तर – कपूर

सात समुंदर तैर के आया, फिर भी पूरा भीग न पाया। उत्तर – पानी का जहाज

मध्य कटे तो जीवे सब, रंग है उसका काला। बेर – सा उसका है आकार, झटपट बूझो लाला। उत्तर – जामुन

ना पूछे, तो घर में दुबके, हो पूछ , तो बने दरवान। चिंता मेटत सबन की, राखत सकल जहान। उत्तर – ताला

दो अक्षर का मेरा नाम, खाने के मैं आता काम, अपने वर्ग का राजा हूँ, उलटा करो तो नाच दिखाऊं। उत्तर – चना