Paheliyan  1 se 10 tak

ऊपर से गिरा बम, उसमें हड्ड़ी न दम। उत्तर – ओला

हरा चोर लाल मकान, उसमें बैठा काला शैतान, गर्मी में वह दिखता, सर्दी में गायब हो जाता। उत्तर – तरबूज

उस राजा की अनोखी रानी, दुम के रास्ते पीती पानी। उत्तर – दिया

कितने रंगों से तन मेरा, रच- रच कौन सजाता, फूल गोद में ले लेकर, झूला रोज झुलाता। उत्तर – तितली

लाल- टैन पंखों में, उड़े अंधेरी रात में , जलती बाती बिना तेल के, जेड व बरसात में। उत्तर – जुगनू

आँखें दो हो जाए चार, मेरे बिना कोट बेकार , घुसा आँखों में मेरा धागा, दरजी के घर से मैं भागा। उत्तर – बटन

हरी – हरी मछली के, हरे – हरे अण्डे , जल्दी से बूझिए वरना पड़ेंगे डण्डे। उत्तर – मटर की फली

काली हूँ, मैं काली हूँ, काले वन में रहती हूँ, लाल पानी पीती हूँ, बताओ मैं कौन हूँ। उत्तर – जूँ

मुझे छूकर जो आँख मले, उसे मैं रुला देती हूँ। मुझे कोई मुँह लगाए, उसे मैं मजा चखा देती हूँ ? उत्तर – मिर्च