कहलाती है रात की रानी, आँख से निकले हरदम पानी।उत्तर – मोमबत्ती
मैं अपने बिल में रहूँ, जब चाहूँ बाहर आऊँ,मेढ़क देखकर उठा कर दाव लगाऊँ , वैसे मानव मात्र सब,कहते मुझको काल, पर अपने उपयोग में, लावे मेरी खाल।उत्तर – साँप
तीन अक्षर नाम मेरा नाम ,आता हूँ खाने के काम,मध्य कटे तो बन जाऊँ चाल, मेरा नाम सदा तत्काल।उत्तर- चावल
पहले थी मैं भोली- भोली, तब सहती थी मार,अब पहनी मैंने लाल चुनरिया, अब न सहूँगी मार।उत्तर – मिट्टी का घड़ा
तीन अक्षर का मेरा नाम,प्रथम कटे तो राम बनूँ,अन्त कटे तो शहर का नाम, मध्य कटे तो बनूं फल का नामबताओ सब तुम मेरा नाम ?उत्तर – आराम
पेट में अंगुली सिर पर पत्थर, जल्दी से बताओ उसका उत्तर।उत्तर – अंगूठी
मेरा अपना कोई न रूप, औरों के चुराता रूप,फिर भी मुझे सभी अपनाते, देख-देख कर इतराते।उत्तर – दर्पण
जीभ नहीं, पर फिर भी बोले, बिना पाँव सारा जग बोले,राजा, रंक सभी को भाता, जब आता तब खुशियाँ लाता।उत्तर – रुपया
दीन-दुखियों को देखकर, तेरे मन में मैं आती हूँ,और तुझमें सेवा का भाव जगाती हूँ।उत्तर – करुणा
बारह मेरे भाई ,इनको आकार देने वाले,दो निर्माता, तीसरा निर्माता, तेजी से चलता हुआ,बताओ इन सबसे, मिलकर मैं क्या बनी ?उत्तर – घड़ी