Paheliyan  281 se 290 tak

पंख हैं पर नहीं  पंक्षी, क्योंकि न मैं देती अण्डे। चल सकूं पर जानवर नहीं, जानो नहीं तो पड़ेंगे डंडे। उत्तर – चमगादड़

एक बालक देखा ऐसा, जिसने स्कूल कभी न देखा। वह जब हिसाब देता है, वह हाजिर जवाब होता।  है उत्तर – कैलक्यूलेटर

लाल रंग की  पोशाक देख, लोग मुझसे घबराए। हरे रंग की पोशाक देख, लोग बड़े प्यार से खोयें। उत्तर – हरी मिर्च

एक चीज ऐसी कहलाए, हर मजहब का आदमी खाए। उत्तर – कसम

आदि कटे तो आदमी बने, अन्त कटे तो वीर, मध्य कटे तो दिन रहा, नाम बताओ उनका यार? उत्तर – वानर

जंगल में मायका,गाँव में ससुराल, गाँव आई दुल्हन, उठ चला बवाल। उत्तर – झाड़ू

ऐसा क्या है ? जो खराब हों जाए तो, हम काम नहीं कर सकते। उत्तर – हमारा मूड

कौन- सा अंधेरा है, जो रोशनी से बनता है। उत्तर – परछाई