Paheliyan  301 se 310 tak

एक लड़का माली से भरा, सबके सिर पर उल्टा-धरा , आए आँधी पानी आए , मोती लेकिन न गिर पाएं। उत्तर – तारे

एक घर में कई छुछन्दर सबके मुंह काला, एक छुछन्दर निकल भागे, जग भये उजाला। उत्तर – माचिस

एक अजगर की अजब कहानी, काला लम्बी गाथा, घर -घर उगले ठण्डा पानी , कोई समझ न पाता। उत्तर – पाईप

तीन अक्षर का मेरा नाम, थके हुए को मैं दूँ आराम, बिच कटे तो पग बन जाऊँ, सबके मन को मैं भाऊँ। उत्तर – पलंग

घोड़ा हूँ मैं घोड़ा हूँ, काले वन में रहता हूँ , लाल पानी पीता हूँ, सब मुझसे है परेशान। उत्तर – जुएँ

एक लाठी की आवाज कहानी, उसके अंदर मीठा पानी, लाठी में है गांठे दस, जो भी चाहे पी ले रस। उत्तर – गन्ना

पक्षी एक देखा अलबेला, पंख बिना उड़ रहा अकेला। बांध गले में लम्भी डोर, नाप रहा है, अम्बर का छोर उत्तर – पतंग

नीला जहर भरा है जिसमें, जीभ है जिसकी दो। सांप नहीं पर लम्बा है, झट से उत्तर दो उत्तर – फाउंटेनपेन

देश की मशान था वह, भारत माँ का लाल था वह, अंग्रेज को थर्राने वाला, हंस कर फांसी पर चढ़ जाने वाला , बोलो वह लाल कौन था ? उत्तर – सरदार भगत सिंह

अंग्रेजों के हाथ न आया, भारत का वह वीर कहलाया, उसे मात्र आजादी प्यारी, अंतिम गोली स्वयं को मारी। उत्तर – चंद्रशेखर आजाद