Paheliyan,पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Paheliyan:
401
हरा घेरा पीला मकान, उसमें रहता काला इंसान।
उत्तर – पपीता
402
एक गाड़, दो बहिया, मोड़ ससुर के हैयां।
उत्तर – लंगोट
403
छोटा सा धागा, सारी बात ले भागा।
उत्तर – टेलीफ़ोन
404
एक महल बसी कोठरी सब है फटकदार।
खोले तो दरवाजा मिले न राजा, पहरेदार।।
उत्तर – प्याज
405
तीन अक्षर का मेरा नाम, प्रथम कटे शस्त्र बनूँ।
मध्य कटे तो बनूँ मैं आन, बोलों क्या है मेरा नाम ?
उत्तर – आँगन
406
बिल्ली की पूंछ हाथ में, बिल्ली रहे इलाहाबाद में।
उत्तर – पतंग
407
हरी डंडी,लाल कमान, तौबा -तौबा करे इंसान।
उत्तर – मिर्ची
408
तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा -सीधा एक समान।
उत्तर – जहाज
409
कमर कटे तो जंगल जनो, जरा मुझे तो तुम पहचानो।
उत्तर – बटन
410
दो अक्षर का मेरा नाम, सर को ढकना मेरा काम।
उत्तर – टोपी