Hindi Paheliyan, पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें.
Hindi Paheliyan:
1341
पत्तों में हूँ, पैरों में हूँ, आधा सच, आधा कच्चा। बता, मैं कौन हूँ?
उत्तर: चाँद
1342
बूँदें में बारिश, बिजली गिराए, सूरज की किरण, मेरे दिल को भाए। कौन हूँ मैं?
उत्तर: बर्फ
1343
सफेद रंग का हूँ, दादी मेरी बड़ी, सूझ-बूझ से भरा, सोच मेरी रखी। कौन हूँ मैं?
उत्तर: बुद्धि
1344
चलती रहूँ या ठहरूँ, पर कभी नहीं रुकती, दिन भर जलती रहूँ, रात में सोती रहती। कौन हूँ मैं?
उत्तर: सूर्य
1345
एक पेड़ हूँ, अनारी नहीं हूँ, जितना ऊँचा उतना घातक बड़ाई हूँ। कौन हूँ मैं?
उत्तर: बम
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गोली गोली किया हूँ, पर दिल में बसा नहीं हूँ, हवा की तरह चला जाता हूँ, लोगों को बहुत दिला जाता हूँ। कौन हूँ मैं?
उत्तर: गाँधी जी का आशीर्वाद
1347
बिना सिर के कभी नहीं देखा जाता, दुनिया भर में फैला हूँ, मगर मुझे नहीं छूआ जाता। कौन हूँ मैं?
उत्तर: रात्रि
1348
एक पत्ता हूँ, सौ गालियों में बैठा हूँ। क्या हूँ? उत्तर: चाँद
1349
सुना है वो डर के मारे नहीं सोता, रात भर जागता है। कौन? उत्तर: बूँद
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अगर रात को लोगों का साथ नहीं छोड़ता, दिन में सोता है। क्या है? उत्तर: चिराग