Jocks, उपरोक्त चुटकुलों का संग्रह संक्षिप्त और मजाकिया पैकेज में हास्य की एक आनंददायक खुराक प्रदान करता है। प्रत्येक चुटकुले को केवल शब्दों में एक पंचलाइन देने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है, जो संक्षिप्तता और चतुर शब्दों के खेल की कला का प्रदर्शन करता है। पुरस्कार जीतने वाले बिजूका से लेकर व्यापक शब्दावली वाले डायनासोर तक, ये चुटकुले मुस्कुराहट और हंसी की गारंटी देते हैं। वे प्रदर्शित करते हैं कि कैसे कुछ अच्छी तरह से चुने गए शब्द मनोरंजन जगा सकते हैं और किसी का भी दिन रोशन कर सकते हैं। बातचीत में आनंद लाने और हल्का-फुल्का माहौल बनाने के लिए इन वाक्य-विचित्र रत्नों को साझा करें।
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26
एक बार की बात है, एक गधा और एक खरगोश दोस्त थे। एक दिन उन्होंने देखा कि एक तेज़ दौड़ने वाली गाड़ी उनकी तरफ आ रही है।
गधा ने अपने दोस्त से कहा, “चलो जल्दी से सिर पकड़ो, गाड़ी आ रही है!” खरगोश बिना सोचे समझे उसने दौड़ना शुरू किया और एक
ज़बरदस्त दौड़ता हुआ जाकर एक सुरंग में छिप गया। गधा देखकर बोला, “अरे खरगोश, अब तू सुरंग में क्यों गया?” खरगोश बार-बार सिर
हिलाते हुए जवाब दिया, “आराम से, गाड़ी तो अब भी दूर है!”
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संता: यार, तुझे पता है, मैंने कल एक चुटकुला सुना।
बंता: हा, बता ना!
संता: तो ये रहा – ‘बिल्कुल तेरी तरह गोली खाता हूँ, बिना दिखाए!’
बंता: (हँसते हुए) वाह, बढ़िया है यार! पर ये कैसे?
संता: क्योंकि जब मैंने गोली दिखाई, तो वो मुझसे भाग कर दूर चली गई!
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स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्र सभा को बताया, “आपके पास दो चरण हैं: सबसे पहले, परीक्षा में अच्छे अंक लाने हैं; दूसरे, अगर कोई छोटी सी बीमारी या तकलीफ
आए, तो उसे छुट्टी लेने में हिचकिचाने की आवश्यकता नहीं है।”
छात्रों ने प्रिंसिपल से पूछा, “जब पहले चरण में हम अच्छे अंक नहीं ला सकते, तो क्या दूसरे चरण की छुट्टी मिल सकती है?”
प्रिंसिपल मुस्कराए और बोले, “बिल्कुल, वो छुट्टी ‘अस्वस्थता’ से आएगी, जिसे ‘परीक्षाफोबिया’ कहा जाएगा!”
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एक बार की बात है, एक खरगोश और कछुआ दोस्त थे। एक दिन वे दौड़ रहे थे, तभी खरगोश कहता है, “देखो, मैं तो तुमसे बहुत तेज़ हूँ।”
कछुआ हँसते हुए उत्तर देता है, “ठीक है, तो देखते हैं किसमें कितनी तेज़ी है। एक दौड़ की इंतेहा तक हम दौड़ते हैं।”
खरगोश तैयार होकर शुरू हो जाता है, लेकिन फिर उसके पैरों में दर्द होने लगता है। कछुआ आराम से आगे बढ़ता है
और कहता है, “देखा, कहा था ना, धीरे और स्थिरता से आगे बढ़ना बेहतर होता है।”
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एक आदमी दुकान में गया और बोला, “क्या आपके पास चश्मे हैं, मेरी नजर कमजोर हो गई है।”
दुकानदार ने कहा, “हां, हमारे पास चश्मे हैं। कितनी आंखों वाले चाहिए?”