Dimagi paheliyan ,पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Dimagi paheliyan:
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कट – कट गया हुआ हल, सब्जी खाएंगे उसे हम कल ?
उत्तर – कटहल
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ऐसा कौन-सा अनाज हैं, जिसकी टेढ़ी नाक हैं ?
उत्तर – चना
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दाने- दाने गिनती जाती, दादी-अम्मा रोज फिराती?
उत्तर – माला
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ॐ ॐ। पैरों तले पड़ा हूँ, कहने को मगर मैं खड़ा हूँ।
उत्तर – खड़ाऊं
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लाल गाय लकड़ी खाय, पानी पिये मर जाये।
उत्तर – आग
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ये धनुष है सबको भाता, मगर लड़ने के काम न आता।
उत्तर – इन्द्रध नुष
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जरा-सी बिटिया, गजभर की चुटिया।
उत्तर – सुई धागा
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बारह घोड़े, 30 गाड़ी, 365 करे सवारी।
उत्तर – साल, महीने, दिन
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न बीज न गुठली, छिलका उतारों तो हलवे की डाली।
उत्तर – केला
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एक हाथ का प्राणी अचल, हाथ हिलाओ निकले जल।
उत्तर – हैंड पम्प