Paheliyan,पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Paheliyan:
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तोड़न वादा सब करे, सके ना केऊ झाड़।
चाँद नहीं, तो वाको लेवे, बच्चा रोय दहाड़।
उत्तर – तारे
632
आई नदी धरर्ति जाय, चौका – चंदर पुरत जाय।
उत्तर – चक्की
633
आंखि करे लुपुर – लुपुर, कान दूजो दिखे नाहिं।
सूखे में वो टें कहे, तू समझे कि नाहिं।
उत्तर – मछली
634
आए, तो भी दुख, जाए, तो भी दुख।
भोर – भोर सारी दुनिया, खोले ये अपना मुख।
उत्तर – आँख
635
आगे नागिन भागी जाए जाय, पीछे अंडा देती जाय।
उत्तर – सुई
636
तीन अक्षर का मेरा नाम, अंत कटे तो अगला दिन,
मध्य कटे तो थोड़ा पावे, लिखाई कर हर पल हित।
उत्तर – कलम
637
आसमान में वो उड़े, झुक – झुक झौला खाय,
हाड़ है, पर मांस नहीं, वाको नाम बताय।
उत्तर – पतंग
638
पानी बिन जन्मे नहीं, आग में पक्को होय.
कच्चे पर पानी पड़े, पुनि पाहिले सो होय।
उत्तर – मिट्रटी का बर्तन
639
इक उपजत है खेत में, इक सोहत है देह।
मोल दे पहला मिले, दूजे देख हो नेह।
उत्तर – तिल
640
दो अंगुल की फितनी, काम आवे इतना।
उत्तर – सुई