Easy paheliyan पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!\
Easy paheliyan:
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कहलाती है रात की रानी, आँख से निकले हरदम पानी।
उत्तर – मोमबत्ती
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मैं अपने बिल में रहूँ, जब चाहूँ बाहर आऊँ,
मेढ़क देखकर उठा कर दाव लगाऊँ , वैसे मानव मात्र सब,
कहते मुझको काल, पर अपने उपयोग में, लावे मेरी खाल।
उत्तर – साँप
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तीन अक्षर नाम मेरा नाम ,आता हूँ खाने के काम,
मध्य कटे तो बन जाऊँ चाल, मेरा नाम सदा तत्काल।
उत्तर- चावल
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पहले थी मैं भोली- भोली, तब सहती थी मार,
अब पहनी मैंने लाल चुनरिया, अब न सहूँगी मार।
उत्तर – मिट्टी का घड़ा
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तीन अक्षर का मेरा नाम,प्रथम कटे तो राम बनूँ,
अन्त कटे तो शहर का नाम, मध्य कटे तो बनूं फल का नाम
बताओ सब तुम मेरा नाम ?
उत्तर – आराम
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पेट में अंगुली सिर पर पत्थर, जल्दी से बताओ उसका उत्तर।
उत्तर – अंगूठी
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मेरा अपना कोई न रूप, औरों के चुराता रूप,
फिर भी मुझे सभी अपनाते, देख-देख कर इतराते।
उत्तर – दर्पण
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जीभ नहीं, पर फिर भी बोले, बिना पाँव सारा जग बोले,
राजा, रंक सभी को भाता, जब आता तब खुशियाँ लाता।
उत्तर – रुपया
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दीन-दुखियों को देखकर, तेरे मन में मैं आती हूँ,
और तुझमें सेवा का भाव जगाती हूँ।
उत्तर – करुणा
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बारह मेरे भाई ,इनको आकार देने वाले,
दो निर्माता, तीसरा निर्माता, तेजी से चलता हुआ,
बताओ इन सबसे, मिलकर मैं क्या बनी ?
उत्तर – घड़ी