Hindi paheli , पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Hindi paheli:
271
एक पहेली मैं कहूँ , तू सुन ले मेरे मित्र,
बिन पंखों के उड़ गयी, वह बांध गले में सूत।
उत्तर – पतंग
272
अगर कहीं मुझको पा जाता, बड़े प्रेम तोता खाता।
बच्चे, बूढ़े अगर खा जाते, व्याकुल हो ऑंखें भर लाते।
उत्तर – हरी मिर्च
273
एक थाल मोतियों से भरा, सबके सिर पर औंधा धरा,
चारों ओर वह थाली फिरे, मोती फिर भी न एक गिरे।
उत्तर – तारों भरा आकाश
274
काला है पर कौआ नहीं, बेढ़ब है पर हौवा नहीं,
करे नाक से सारा काम, अब बतलाओ उसका नाम ?
उत्तर – हाथी
275
नये जमाने का बच्चा हूँ, पर एक कान का कच्चा हूँ,
तुम कहते इस पर, फैला आता हूँ उस पार।
उत्तर – टेलीफोन
276
हाथ, पैर नहीं जिसके, न कही आता-जाता ,
फिर भी साडी दुनिया की ख़बरें हमे सुनाता।
उत्तर – रेडियो
277
सैर आसमान की करा सकती हूँ, कर सकता हूँ जग का नाश।
जल सकती हूँ बड़े से, लेकिन जल में बास।
उत्तर – हाइड्रोजन गैस
278
अजब तरह की है एक नारी, उसका क्या करूं मैं विचार,
वह दिन डूबे पी के संग, जाग रहे निस बांके संगे।
दिया जले तो वह शरमाए, डर से सरक वह दूर हो जाए।
उत्तर – परछाई
279
खुदा की खेती का देख यह हाल, न कोई पत्ता न कोई डाल,
ना बीज डाला न जोता हल, नहीं लगता उसमें कोई फल, पर जब काटे उसको भाई, होती पहले से दूनी सवाई।
उत्तर – सिर के बाल
280
एक चीज ऐसी कहलाएँ, हर कोई मज़बूरी में खाएँ,
कैसी मजबूरी हाए, खाकर भी भूखा रह जाए।
उत्तर – कसम