Paheliyan,पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Paheliyan:
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एक कहानी मैं कहूं, सुन ले मेरे पूत।
बिन पैरों के उड़ गई, बांध गले में सूत।
उत्तर = पतंग
662
धातु की है घोड़ी, सवारी लेचे पीठ।
घड़ी – घड़ी खाना खाए, लम्हा – लम्हा बीट।
उत्तर – सेवई की मशीन
663
गोल – गोल है चकरी, नस – नस में रस, झटपट नाम बताओ उसका, गिनूँ एक से दस।
उत्तर – जिलेबी
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बेले से वो पैदा होवे, रंग से वो भूरी है,
भाई लोगों, पहेली बूझो, अधूरी नहीं, वो पूरी है।
उत्तर – पूरी
665
एक अंगुल के गाजी मियां, नौ अंगुल की पूंछ।
भागत जात है गाजी मियां, घटत जात है पूंछ,
उत्तर – सुई धागा
666
देखो एक अद्भुत कागा, बातचीत ले पल में भागा ,
उत्तर – टेलीफ़ोन
667
एक अचंभा मैंने देखा, कुएं में लग गई आग।
पानी पूरा जल गया, कुआं काला, ज्यों काग।
उत्तर – लालटेन
668
बन जाता है दिल, देखो, कट कर पहला अच्छर।
आदत इसकी देखो कैसी, खता कुतर – कुतर कर।
उत्तर – मच्छर
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जो खोवे, वो करे कमाल, डाले हरा, निकाले लाल।
उत्तर – पान
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देखो उस नारी का हिया, फांक – फांक जिस्म अपना किया,
जाकर वो बादल से लड़े, मुंह से पकड़े सीधा करे।
उत्तर – कंघी