Paheliyan,पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Paheliyan:
521
ज्यों – ज्यों यह बढ़तहै , त्यों – त्यों ही घट जाहि, म
जगत भर का नियम ये, केहू मिटा नहीं पाहि।
उत्तर – उम्र
522
न घर में उपजे, और न हाट बीकाय, कुछ पल रहे हाथ में,
कुछ पल रहे हाथ में, फिर ये जाहि बिलाय।
उत्तर – ओस
523
खेत में उपजे, सब कोई खाए,
घर में उपजे, घर बंट जाए।
उत्तर – फुट
524
प्रथम कटे तो चित बन जावे, अंत कटे तो भीगे नयन,
तीन अक्षर का मेरा नाम, मध्य कटे तो शवेत वसन।
उत्तर – नमन
525
गरजा बादल, बरसी धूल, बूझो या करो हार कबूल।
उत्तर – चक्की
526
रौंदे जिसको, उसको काटे, कभी बनता हत्यारा,
इसे जेल- फांसी न होती, रखे बिना नहीं चारा।
उत्तर – चाकू
527
घोड़ा, हाथी, ऊंट, अरु, ले पैदल की मार।
दोऊँ ओर भिड़त खड़े, राजा और वजीर।
उत्तर – शतरंज
528
जरा – सी डिबिया डिबडिब करे, मानक मोती गिर – गिर झरे।
उत्तर – आंसू
529
छोटे – से मेरे दुर्गादास, कपड़ा खोले रो – रो जास,
सर पर छोटी मूंछ खड़ी, कमर पैर से दस गुनी बड़ी।
उत्तर – प्याज
530
छोटा – सा कुआं, पाताल बसे पानी।
ओहि में नाचत, गोल गप्प की नानी।
उत्तर – पूरी