Paheliyan,पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Paheliyan:
571
तीसी जैसा रूप है मेरा, रक्त पीऊं भर पेट।
धीरे – धीरे पास में जाऊं, जो बिस्तर लेट।
उत्तर – खटमल
572
तेल पिया, रात में जिया, तुम्हें इतना – सा इशारा किया।
उत्तर – दिया
573
दुनियॉं भर की करता सैर, नहीं भूमि पर पड़ता पैर,
रात जागता, दिन सोता, एक – सा रूप कभी न होता।
उत्तर – चंद्रमा
574
काया छोटी, मुछ बड़ी, रात हुई, तो चीख पड़ी।
उत्तर – झींगुर
575
दुबली – पतली गुण भरी, सिर को चले झुकाय।
आवे जब वो हाथ में, दो को एक मिलाय।
उत्तर – सुई
576
पांव नहीं, पर दुनियां घूमूं, स्वामी का पांव सदा चूमूँ।
उत्तर – जूता
577
देखन में हूँ गाँठ – गठीला, मुंह में डाल कहो रसीला,
मौके पे लाठी बन जाऊं, गुड़ – चीनी का बाप कहउँ।
उत्तर – गन्ना
578
देश – विदेश फिरे वो नारी, जिन पाई, उन चिरी – फारी,
ना हड्डी ना खून, ना खाल, गूंगी है, पर देवे हाल।
उत्तर – चिट्ठी
579
उजली धरती, काला बीज, ज्ञान बाँटने वाली चीज।
उत्तर – किताब
580
दो आखर का शब्द है एक, नाम है एक किस्म अनेक ,
नर – नारी सबके मन भावे, खाने वाला नीच कहावे।
उत्तर – जूता