Dimagi paheli with answer, पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Dimagi paheli with answer:
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बाप बहुत ही खुरदरा टेढ़ा मेढ़ा होता, देखते मन ललचात है बेटा ऐसा होता।
उत्तर – आम
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पैर नहीं पर चलती हूँ , कभी न राह बदलती हूँ ,
नाप- नाप कर चलती हूँ , तो भी न घर से टलती हूँ।
उत्तर – घड़ी
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मेरे शरीर में दस खिडक़ियां, अंगुली डाल घुमाओ जी,
जिससे चाहो करो तुम बात, अपना हाल सुनाओ जी।
उत्तर – टेलीफोन
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पूंछ कटे तो सीना, सिर कटे तो मित्र।
मध्य कटे खोपड़ी पहेली बड़ी विचित्र।
उत्तर – सियार
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काला हूँ , कलूटा हूँ ,
हलवा पूरी खिलाता हूँ।
उत्तर – कड़ाही
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बाँस जैसा दुबला पतला हूँ रस बसे भरा ,
चाहे मुझको छील कर खाओ , या चबा कर रस निकालो।
उत्तर- गन्ना
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लिखता हूँ पर पैन नहीं, चलता हूँ पर गाड़ी नहीं ,
टिक- टिक करता हूँ ,पर घड़ी नहीं।
उत्तर- टाइपराइटर
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चलने को तो चलता हूँ , गर्मी में सुख पहुँचाता हूँ,
पैर भी है मेरे तीन, मगर आगे बढ़ नहीं पाता हूँ।
उत्तर – पंखा
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तीन अक्षर का शहर हूँ, विश्व में प्रसिद्ध हूँ ,
अन्त कटे ते आग बन जाऊँ, मध्य कटे तो आरा कहलाऊँ।
उत्तर – आगरा
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लाल- लाल डिब्बा, डिब्बे में छेद ,
बंद किया ताला, क्या है इसका भेद।
उत्तर – लेटर बॉक्स