Hindi paheliyan , पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Hindi paheliyan:
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कद के छोटे कर्म के हीन, बिन – बजाने के शौकीन ?
उत्तर – मच्छर
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रोज शाम को आती हूँ मैं , रोज सबेरे जाती हूँ ,
नींद न मुझको कभी समझना, यघपि तुम्हें सुलाती हूँ।
उत्तर – रात
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एक खेत में ऐसा हुआ, आधा बगुला आधा सुआ।
उत्तर – मूली
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एक नारी की चाल है झूठी , वे सर काटे रहे वह रूठी ,
जब करे मुहँ उसका काला, काम करे सबसे आला।
उत्तर – कलम
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एक डिब्बे में बत्तीस दाने, बुझने वाले बड़े सयाने।
उत्तर – दाँत
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पेट कहलाए जंगल, तीन अक्षर की सौगात ,
देने वाला दे देता, दूसरे के आए न हाथ।
उत्तर – वचन
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दबे पाँव घुस जाती, चीजें चट कर जाती,
जब पकड़े उसे दौड़कर, छू मन्तर हो जाती है
उत्तर – बिल्ली
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देखने बम गाठ- गठीला, खाने में हूँ खूब रसीला।
उत्तर – गन्ना
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आदि कटे तो वन बन जाऊँ, मध्य कटे तो जीन,
अन्त कटे तो जीव बताता, अक्षर केवल तीन।
उत्तर – जीवन
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आदि कटे तो गीत सुनाऊँ, मध्य काटकर संत बनाऊँ
अन्त कटे साथी बन जाता, सम्पूर्ण सबके मन भाता।
उत्तर – संगीत