Hindi paheliyan , पहेलियों की दुनिया में आपका स्वागत है, जहां रचनात्मकता और बुद्धि हमारे दिमाग को चुनौती देने और मनोरंजन करने के लिए एक साथ आते हैं। पहेलियां सदियों से मानव इतिहास का हिस्सा रही हैं, जो हमारे दिमाग का व्यायाम करने और हमारे समस्या को सुलझाने के कौशल का परीक्षण करने का एक मजेदार तरीका प्रदान करती हैं। प्राचीन सभ्यताओं से लेकर आधुनिक समय की पॉप संस्कृति तक, पहेलियों ने कई रूपों और विविधताओं को अपना लिया है, प्रत्येक अपने तरीके से अद्वितीय है। इस ब्लॉग में, हम पहेलियों की आकर्षक दुनिया का पता लगाएंगे, जिसमें क्लासिक ब्रेन टीज़र से लेकर नई और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। खोज की इस यात्रा में हमसे जुड़ें और देखें कि क्या आपके पास रहस्य को सुलझाने के लिए क्या है। क्या आप अज्ञात की चुनौती लेने के लिए तैयार हैं? चलो शुरू करें!
Hindi paheliyan:
291
तीन पैर से तिकड़म बाबू, उठकर गंगा नहाते,
दाल-भात का स्वाद न जाने, सुखी रोटी खाते।
उत्तर – चकला
292
बोल नहीं पाती हूँ मैं, और सुन नहीं पाती।
बिन आँखों के हूँ अंधी, पर सबको राह दिखाती।
उत्तर – पुस्तक
293
पास में उड़ता-उड़ता आए, क्षण भर देखूं चिप जाए।
बिन आग के जलता जाए, सबके मन को लुभाए
उत्तर – जुगनू
294
कमर पतली है, पैर सुहाने, कहीं गये होंगे बिन बजाने।
उत्तर – मच्छर
295
एक झाड़ी में तीस डाली, आधी सफेद, आधी काली।
उत्तर – माह के दिन व रात
296
चाँद सा मुखड़ा, तन चमकीला, सभी को भाता फिर भी, जल्दी न आता।
उत्तर – रुपया
297
वह क्या है ? जो होता छोटा, पर कहलाता बड़ा।
उत्तर – दही बड़ा
298
काली हूँ मैं गहरा पेट, मेज पर जाती हूँ लेट,
लोग मारते मुँह पर भाले, लिखते अक्षर काले – काले।
उत्तर – दवात
299
मैं छोटा सा फकीर, मेरे पेट में है लकीर।
उत्तर – गेहूँ
300
एक लड़का माली का, कुर्त्ता पहने जाली का ,
अंदर से यह काम करें, पत्थर को सलाम करें।
उत्तर – नारियल